Manibhadra Veer Aarti (Hindi Lyrics)
मणिभद्रवीर आरती (Hindi Lyrics)
(रागः- जय जय आरति आदि जिणंदा….)
जय जय आरति माणिभद्र ईन्द्रा,
बावन वीर शीर मुगट जडींद्रा । (1)
तपगच्छ अधिष्ठायक विख्याता
अतिय विघन दुःख हरो विधाता । (2)
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तुम सेवकनां संकट चुरो,
मन वंछित सुख संपदा पूरो । (3)
खडग त्रिशूल डमरु गाजे,
मृगदल अंकुश नाग विराजे । (4)
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षट् भूजा गज वाहन सुन्दर,
लोढी पोशाल संघ वृद्धि पुरन्दर । (5)
विनये श्री आणंद सुरिधीर,
आशा पूरा मगरवाडिया वीर,
आशा पूरा उज्जनीया वीर,
आशा पूरा आगलोडीया वीर । (6)
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