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Shri Sahastrafana Parshwanath | Jain Tirth | Jain Stuti Stavan

Shri Sahastrafana Parshwanath
श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ

श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ -सुरत
सहस्त्रफणा से शोभायमान 58 इंच ऊंची, 17 इंच चौड़ी, कायोत्सर्ग मुद्रा में विराजमान उज्ज्वल वर्ण के श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ सूरत के गोपीपूरा में श्री शीतलनाथ प्रभु के जिन मंदिर के भोयरे में श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ प्रभु की भव्य प्रतिमा प्रतिष्टित है ।

श्री जिनलाभसूरीजी म.सा. की वैराग्यपोषक धर्मवाणी के श्रवण से सूरत के शेष्ठीवर्य श्री भाईदास नेमिदास ने श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ का भव्य जिनालय का निर्माण किया था ।

वि.सं. १८२७ वैशाख सुदी १२ के दिन सूरिदेव के वरद हस्तो से १८१ जिनबिंबो की अंजनशलाका संपन्न हुई थी और उस मंदिर में मुलनायक के रूप में श्री शीतलनाथ प्रभु की स्थापना की गयी थी ।

प्रतिष्ठा के १ वर्ष बाद वै.सु. १२ संवत् १८२८ के शुभ दिन सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी । 

एक ही पाषण में से निर्मित इस भव्य प्रतिमा में कलावैभव के दर्शन होते है। 

कमल के पुष्प पर खड़ी इस भव्य प्रतिमा भक्तजन के ह्रदय को मोहित कर देने वाली है।

1000 फणायुक्त छत्रधारी माफी मांगते मेघमाळी सहित ये प्रतिमा विश्व में अद्वितीय है। 

लगातार छे महीने तक कोई प्रभु के दर्शन नही कर पाते ऐसी मान्यता है।

प्रभु के चरनों में पद्मावती देवी की रचना है तथा परिकर में पार्श्वनाथ प्रभु के दस गणधरो की भव्य प्रतिमाए है ।

इस जिनालय में अमिवृष्टि, अमिझरणा, केसरवृष्टि तथा नागदेवता के दर्शन जैसी अक्सर घटती घटनाएं प्रभु के प्रभाव को दर्शाते हैं।

श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन देरासर
गोपीपुरा, सुभाष चौक ,सुरत
फोन: 0261 2595279/ 2597806
मोबाइल नम्बर - 9375276873

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